दिल दहला देने वाला हमला: 17 सेकंड तक मासूम को नोचता रहा पिटबुल, गंभीर घायल; मालिक गिरफ्तार
छह साल का मासूम बच्चा गली में खेल रहा था, तभी अचानक एक पिटबुल कुत्ता उस पर टूट पड़ा।

स्मार्ट विज़न समाचार
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में रविवार को हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। छह साल का मासूम बच्चा गली में खेल रहा था, तभी अचानक एक पिटबुल कुत्ता उस पर टूट पड़ा। करीब 17 सेकंड तक कुत्ता बच्चे को बेरहमी से नोचता रहा। इस दौरान बच्चे की चीख-पुकार गली में गूंजती रही, लेकिन पिटबुल का हमला जारी रहा।
पहले हमले में बच्चा छूटकर भागने की कोशिश करता है, लेकिन डर और दर्द के बीच कुछ ही कदम चलकर गिर पड़ता है। तभी पिटबुल फिर से झपटता है और इस बार उसके दाहिने कान को जकड़ लेता है। कुत्ता बच्चे को घसीटता रहा, और छोटा सा बच्चा बेबस होकर तड़पता रहा।
उसी दौरान एक युवक मौके पर पहुंचा। उसने हिम्मत दिखाते हुए बच्चे का पैर पकड़कर उसे कुत्ते से खींचना शुरू किया। कुछ क्षणों की जद्दोजहद के बाद बच्चा कुत्ते के चंगुल से छूट पाया। युवक तुरंत उसे गोद में उठाकर अस्पताल की ओर भागा।
कान लगभग कटकर लटक गया था
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को तुरंत बीएसए अस्पताल में भर्ती कराया गया। चोट गंभीर थी—बच्चे का कान लगभग शरीर से कटकर लटक गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं।

DCP राजीव रंजन के अनुसार, एसआई संदीप ने अस्पताल से MLC और अन्य साक्ष्य जुटाए और फुटेज के आधार पर कुत्ते के मालिक राजेश पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पहले भी हमला कर चुका था पिटबुल, लेकिन डर के कारण कोई शिकायत नहीं करता था
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पिटबुल पहले भी कई लोगों पर हमला कर चुका था। लेकिन आरोपी राजेश पाल के बेटे की आपराधिक प्रवृत्ति के कारण कोई उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता था।
सचिन, जो खुद हत्या के प्रयास के मामले में डेढ़ साल से जेल में बंद है, उसी ने यह कुत्ता घर लाया था। परिवार कुत्ते को बिना किसी नियम या सुरक्षा मानकों के टहलाता था। यहां तक कि कुत्ते के गले में ठीक से रस्सी भी नहीं बांधी जाती थी।
मासूम की जिन्दगी के लिए दुआएँ
मोहल्ले के लोग घटना के बाद सदमे में हैं। हर कोई दुआ कर रहा है कि बच्चा जल्द स्वस्थ हो जाए और फिर से मुस्कुरा सके। यह घटना इलाके में पालतू जानवरों के लापरवाह पालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।













