राजनीति

सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज मे सीधे वोट से बने थे पहले छात्र नेता

उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि खुद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने सत्यपाल मलिक व पूर्व एमएलसी जगत सिंह को अपनी पार्टी में शामिल कराया।

स्मार्ट विज़न समाचार

मेरठ। पूर्व राज्यपाल व पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक की सियासी पारी प्रतिष्ठित मेरठ कॉलेज से शुरू हुई थी। सत्यपाल मलिक सीधे छात्रों की वोट से चुने जाने वाले मेरठ कॉलेज के पहले छात्र संघ अध्यक्ष रहे। इससे पहले अप्रत्यक्ष चुनाव द्वारा प्रीमियर चुने जाते थे।

इसके बाद ही सत्यपाल मलिक की सियासी पारी को पंख लग गए। उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि खुद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने सत्यपाल मलिक व पूर्व एमएलसी जगत सिंह को अपनी पार्टी में शामिल कराया। उनके करीबी मित्र रहे पूर्व एमएलसी जगत सिंह बताते हैं कि मेरठ कॉलेज में सीधे छात्रों की वोट द्वारा छात्र संघ चुनाव नहीं होते थे, अप्रत्यक्ष रूप से प्रीमियर चुने जाते थे।

सत्यपाल मलिक 1965-66 में पहले प्रीमियर चुने गए। इसके बाद छात्र संघ चुनाव बंद कर दिए गए तो छात्रों ने उग्र आंदोलन कर दिया। लखनऊ में सत्यपाल मलिक के साथ सैकड़ों छात्रों ने विधानसभा का घेराव किया और अपनी गिरफ्तारी दी। इसके बाद छात्र संघ चुनाव बहाल हुए तो पहली बार सीधे छात्रों की वोटों से चुनाव हुए और 1969 में सत्यपाल मलिक सीधे छात्रों द्वारा चुने जाने वाले पहले छात्र संघ अध्यक्ष बने। मेरठ कॉलेज से उनहोंने बीएससी व एलएलबी की।

चौधरी चरण सिंह ने अपनी पार्टी में शामिल कराया
1973 में मेरठ कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष रहे जगत सिंह बताते हैं कि वह खुद, सत्यपाल मलिक व वेदपाल प्रमुख आपाताकल में एक साथ जेल में रहे। एलआईयू की रिपोर्ट पर तीनों को अलग-अलग जेल में भेजा गया। सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन 1965-66 में अंग्रेजी हटाओ, हिंदी लाओ आंदोलन से शुरू हुआ। पुलिस के लाठीचार्ज में वे घायल हो गए तो उग्र छात्रों ने डाकखाने में आग लगा दी। इसके बाद सत्यपाल मलिक व उनके साथियों की बढ़ती लोकप्रियता देखकर चौधरी चरण सिंह ने उन्हें भारतीय लोकदल में शामिल कराया।

भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें राज्यपाल बनाया गया। 1973 में मेरठ में हुए छात्रा लता गुप्ता अपहरण कांड से छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों के आंदोलन के कारण पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया। इस आंदोलन में सत्यपाल मलिक ने मुखर भूमिका निभाई।

राज्यपाल बनने पर मेरठ कॉलेज आए थे मलिक
राज्यपाल बनने के बाद सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज की 125वीं वर्षगांठ पर 2017 में आए थे और उन्होंने मेरठ कॉलेज में इतिहास विभाग एवं संग्रहालय के भवन का उद्घाटन किया था। उस समय उन्होंने मेरठ कॉलेज को अपनी राजनीतिक नर्सरी बताया था और अपने पुराने दिनों को याद किया था।

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