दिनेश कुमार गोयल ने उपनगरीय बसों, ग्रीन व्यू सोसाइटी के निवासियों की सुरक्षा व राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा टर्म लोन योजना में हुई बंदरवाट के सम्बन्ध में अवाज उठायी
आवास विकास परिषद् और आर.डब्ल्यू के अधिकारी एक दूसरे पर अनुरक्षण की जिम्मेदारी सौप रहे है, जिससे सोसाइटी में रह रहे अध्यासियों में काफी रोष व्याप्त है।

स्मार्ट विज़न समाचार
लखनऊ। विधान परिषद के मानूसन सत्र के दौरान दिनेश कुमार गोयल व विजय बहादुर पाठक सदस्य विधान परिषद द्वारा जनपद-गाजियाबाद के सेक्टर-17 स्थित ग्रीन व्यू सोसाइटी में 450 फ्लैट है जिनमें 440 परिवार रहते हैं। यह सोसाइटी आवास विकास परिषद् द्वारा निर्मित है। 99 वर्ष की लीज पर अध्यासियों को फ्लैट दिये गये थे परन्तु 27 वर्ष बाद ही फ्लैट जर्जर हो गये है और लोहे की बनी सीढ़ी भी टूट गयी है। आवास विकास परिषद् और आर.डब्ल्यू के अधिकारी एक दूसरे पर अनुरक्षण की जिम्मेदारी सौप रहे है, जिससे सोसाइटी में रह रहे अध्यासियों में काफी रोष व्याप्त है।
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 1995 में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग को रोजगार से जोड़ने के लिए टर्म लोन योजना शुरू की गयी थी। पूर्ववर्ती सरकारों इसका भरपूर राजनीतिकरण हुआ। इस राजनीतिकरण के कारण तमाम ऐसे लोगों को ऋण दे दिये गये । आज ऋण देने के बाद विभाग ने पता ही नहीं किया कि इन्होंने रोजग किया है या नहीं, किन्तु अब जब विभाग इन पैसों की वापसी के लिए नोटिसें भेज रहा तो कई लोगों के पते बदल गये हैं तो कई लोग मिल ही नहीं रहे। ये नोटिसें वापस रही है।
गाजियाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, बरेली, मेरठ, कानपुर, बहराइ बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर, कानपुर, आजमगढ़, मऊ जैसे अनेक जनप् में इस तरह की जानकारियों आयी हैं कि टर्म लोन योजना के तहत दिये गये ऋण वापसी का संकट उत्पन्न हो गया है। पूरी की पूरी यह योजना राजनीतिक हस्तक्षेप अधिकारियों की लापरवाही की भेट चढ़ गई और अब स्थिति यह बन गयी है कि शासक धन के वापसी पर संकट उत्पन्न हो गया है। अकेले आजमगढ़ का ही उदारहण लें इस योजना के तहत लगभग 495 लोगों को ऋण दिया गया, किन्तु वर्तमान स्थित यत्र कि इनमें से 200 कर्जदारों को दिया गया नोटिस वापस आने की जानकारी आयी है। इसिलए इस अल्पसंख्यक कल्याण के पर ऋण की हुई बंदर बॉट के वापसी पर आये संकट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही किये जाने की मांग की।
साथ ही उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार जहाँ दूर दराज के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने हेतु परिवहन निगम की बस सेवा उपलब्ध करा रही है। इसी क्रम में वर्ष 2020 में प्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रतिदिन शाम को उपनगरीय बसों की सेवा चारबाग से अचलगंज-सिकन्दरपुर-बीघापुर होते हुए बीघापुर तहसील मुख्यालय पाटन- तकिया तक उन्नाव होते हुए होती थी। अगले दिन प्रात: इसी मार्ग से यह बस वापस चारबाग आती थी।
उपनगरीय प्रबन्धन लगातार इस बस के संचालन में अवरोध पैदा करते हुए दूर मार्गों पर भेजता रहा जब इसकी शिकायत आई०जी०आर०एस० या दूसरे माध्यमों से होती थी तब पुन: बस का संचालन स्वीकृत मार्ग पर कर दिया जाता था। विगत दो माह से इस बस का संचालन स्वीकृत मार्ग पर ना कराकर दूसरे मार्ग पर कर दिया गया है। जिस कारण स्वीकृत मार्ग के लोगों को लखनऊ आने और वापस जाने में असुविधा हो गई है। क्षेत्रीय जनता उपनगरीय प्रबन्धन के इस अलोकतांत्रिक निर्णय से आक्रोशित हैं। इसिलए उपनगरीय बस के स्वीकृत मार्ग पर पुन: संचालन हेतु सरकार से मांग की।













