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साल का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण आज, जानें सूतक काल और राशियों पर प्रभाव

एसवीएस न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। साल 2025 का दूसरा और भारत में साल का पहला चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर की रात को लगने जा रहा है, जो भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को घटित होगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और सबसे खास बात यह है कि इसे भारत के अधिकांश हिस्सों में साफ़ तौर पर देखा जा सकेगा। यह ग्रहण न केवल खगोलीय दृष्टि से विशेष है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


इस बार का चंद्र ग्रहण समय की दृष्टि से भी काफी लंबा होगा और इसे हाल के वर्षों में घटित होने वाली सबसे प्रभावशाली खगोलीय घटनाओं में से एक माना जा रहा है। क्योंकि यह भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा, जिसका पालन विशेष रूप से पूजा-पाठ, धार्मिक कार्यों, और दैनिक जीवन में किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार यह ग्रहण आज कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जो इसे और भी अधिक असरदार बनाता है।


पूर्ण चंद्र ग्रहण का समय


भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात 9:57 बजे होगा। ग्रहण का मध्य काल रात 11:41 बजे और मोक्ष काल रात 1:27 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष संपूर्ण भारत में दृश्यमान रहेगा। यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में दिखाई देगा।


सूतक काल का समय


ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत हो जाती है। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरे ग्रहण काल तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान शास्त्रों के अनुसार देव-प्रतिमाओं का स्पर्श, पूजा-पाठ और हवन जैसे कार्य वर्जित माने गए हैं। हालांकि, जप और ध्यान करना इस समय कई गुना फलदायी होता है।


सभी 12 राशियों पर पड़ेगा असर


चंद्रग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखा जाएगा। खास बात यह है कि यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है और शनि की राशि में घटित हो रहा है। ऐसे में हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। चंद्र ग्रहण का समय परिवर्तन का समय होता है। चंद्रमा हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है और यही कारण है कि चंद्र ग्रहण भावनात्मक रूप से हमें बहुत प्रभावित करता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान हमारे मन में बहुत उथल-पुथल मची रहती है। इस दौरान हमारे लिए कई निर्णय गलत और भविष्य को प्रभावित करने वाले हो सकते हैं। चंद्र ग्रहण में जप और ध्यान से नकारात्मक भावनाओं को अपने अवचेतन मन से बाहर निकालने का अच्छा समय होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण में नकारात्मक चीजें काफी बलशाली हो जाती हैं, लेकिन जो लोग ध्यान, जप करते हैं, वे अपनी ऊर्जा को बलशाली बना सकते हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करने और दान-पुण्य करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है।

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