बागपत के हिसावदा गांव के रहने वाले थे सत्यपाल मलिक, मेरठ कॉलेज से की थी पढ़ाई
सत्यपाल मलिक का जन्म 25 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश में बागपत जिले के हिसावदा गांव में हुआ था

स्मार्ट विज़न समाचार, नवीन मिश्रा सह संपादक
बागपत। जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन की जानकारी उनके आधिकारिक ट्विटर (X) हैंडल से साझा की गई।
सत्यपाल मलिक का जन्म 25 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश में बागपत जिले के हिसावदा गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मेरठ कॉलेज से पूरी की थी और यहीं से छात्र राजनीति की शुरुआत की। वे भारतीय राजनीति के एक चर्चित और बेबाक नेता रहे। किसान आंदोलनों और सरकार की नीतियों पर खुले विचार रखने के कारण वे हमेशा सुर्खियों में बने रहे।
लंबे और विविध राजनीतिक सफर के साक्षी
सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस, जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के साथ सक्रिय राजनीति की। सत्यपाल मलिक ने अपना राजनीतिक जीवन 1970 के दशक में शुरू किया था। वर्ष 1977 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने कई अहम पदों पर देश की सेवा की। उनके कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसा ऐतिहासिक फैसला हुआ। इसके बाद भी उन्होंने कई बार मीडिया के सामने आकर विवादास्पद मुद्दों पर अपने विचार रखे। सत्यपाल मलिक ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार खुलकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, जिससे वे लगातार सुर्खियों में भी रहे। वे किसान आंदोलन के समर्थन में भी मुखर रहे।
सादगी और बेबाकी के लिए याद किए जाएंगे मलिक
उनकी छवि एक ऐसे नेता की थी जो सत्ता में होते हुए भी सवाल उठाने से नहीं डरते थे। वे किसानों के पक्षधर, संविधान और लोकतंत्र के रक्षक के रूप में पहचाने जाते थे। पूर्व राज्यपाल की मौत की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।