
एसवीएस न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। मौसम में भयंकर तलखी है। बारिश, भूस्खलन, पहाड़ टूटने से लोगों पर आपदा कहर बरपा रही है। आपदाओं के कारण देश के कई राज्य प्रभावित हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में अब तक 123 लोगों की जान जा चुकी है। हरियाणा में 24 से अधिक मौतों के अलावा कई एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल में बीते ढाई माह में 360 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 3900 करोड़+ का नुकसान हुआ है। उत्तराखंड में भी हर तरफ तबाही का मंजर है। राज्य सरकार ने नुकसान के मुआवजे के तौर पर केंद्र सरकार से 5700 करोड़ का राहत पैकेज मांगा है। पंजाब की नदियों में उफान के बाद 1500 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
उत्तराखंड महीने भर से आपदाओं से जूझ रहा है। ग्लेशियर टूटकर गिर रहे हैं। अचानक बादल फट रहे हैं। नदियां पूरे वेग से उफान पर हैं। लगातार बन रहीं अस्थायी झीलों ने बड़ी आबादी, सरकार और वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। नए भूस्खलन क्षेत्र बनने से जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। जमीन और मकानों में गहरी दरारें पड़ गई हैं। एक अप्रैल से 31 अगस्त तक 79 लोग जान गंवा चुके हैं।
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ढाई महीनों से प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। बादल फटने, भारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण जून माह के आखिरी सप्ताह से लेकर अब तक 360 लोगों की मौत हो चुकी है। 47 लोग लापता हैं। इस मानसून सत्र में सैकड़ों घर जमींदोज हो गए। 5,162 घर क्षतिग्रस्त हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 3,979 करोड़ का नुकसान हो चुका है। आपदा की चपेट में आए पंजाब में नदियों के उफान से तबाही का मंजर है। इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ त्रासदी ने सबको झकझोर कर रख दिया है। अब तक 46 लोगों की जानें जा चुकी हैं। 1.74 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। सभी 23 जिलों के करीब 1500 गांव और 3.87 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में है। लोगों के आशियाने, सामान और पशुधन बाढ़ में बह चुके हैं।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की सरहद पर बसे राज्य हरियाणा के 12 जिले बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। 27 साल बाद सामान्य से 48% ज्यादा बारिश से चारों प्रमुख नदियां यमुना, मारकंडा, टांगरी और घग्घर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, रोहतक, पलवल, सिरसा व दादरी के हजारों घर पानी में घिरे हैं। अब तक 24 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 1.92 लाख किसानों की 11 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है।
जारी रेड अलर्ट के बीच राजस्थान के कई क्षेत्रों में शनिवार को भारी बारिश हुई। इसमें यातायात व्यवस्था चरमरा गई और संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ। जयपुर में एक जर्जर मकान का एक हिस्सा गिरने से एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। कोटा के एक गांव में बिजली की चपेट में आने से एक व्यक्ति की जान चली गई।
माता वैष्णो देवी यात्रा 12वें दिन भी स्थगित
इन राज्यों की खबरों के आधार पर साफ है कि उत्तर भारत, खासतौर पर पहाड़ी राज्यों में बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। लगातार खराब मौसम और तीर्थयात्रा मार्ग पर भूस्खलन की घटनाओं के कारण माता वैष्णो देवी यात्रा शनिवार को लगातार 12वें दिन भी स्थगित रही।













